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मुक्त पुरुष और अहंकारी में भेद || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता पर (2017)

2024-01-04 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 21.4.17, अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा, भारत <br /><br />प्रसंग: <br /><br />यस्यान्तः स्यादहंकारो न करोति करोति सः ।<br />निरहंकारधीरेण न किञ्चिदकृतं कृतम् ॥ २९ ॥<br />जिसके भीतर अहंकार है, वह देखने में कर्म ना करे, तो भी करता है।<br />पर जो धीर पुरुष निरहंकार है, वह सब कुछ करते हुए भी कर्मरहित है।<br />~ अष्टावक्र गीता (१८.२९)<br /><br />~मुक्त पुरुष कौन है?<br />~मुक्ति क्या है?<br />~मुक्त पुरुष और अहंकारी में क्या भेद हैं?<br />~आत्मा किसे कहते है? <br />~मुक्ति कैसे मिलेगी?<br />~आम व्यक्ति कि लिए मुक्ति का क्या मतलब है?<br />~क्या धारणाओं से मुक्ति ही वास्तविक मुक्ति है?<br />~मुक्ति के लिए कौन सा मार्ग अपनाएँ?<br />~अध्यात्म में मुक्ति का क्या अर्थ है?<br />~अकर्मणता का क्या मतलब होता हैं?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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